लोक प्रशासन : पारिभाषिक कोश

शासन व्यवस्था, प्रबंध, पत्रकारिता, अर्थव्यवस्था, राजनीति विज्ञान तथा वाणिज्य क्षेत्र की वे शब्दावलियाँ जो जनमानस द्वारा दैनन्दिन रूप से प्रयुक्त की जाती हैं, को विस्तारपूर्वक व्याख्या, उद्भव तथा विश्लेषणपूर्वक ढंग से प्रस्तुत करता एक अद्भुत तथा संग्रहणीय कोश सामने आया है।

इस कोश में सेंसरशिप, संचार, मीडिया लिपि, अफवाहों का फार्मूला, कफ्र्यू, धारा-144, मजिस्ट्रेट, 420, 10 नम्बरी, बायकॉट, अनुच्छेद-370, साइबर अपराध, चार्जशीट, कस्टडी, एफ.आ .आर., सत्ता, स्वचालन, बाबूराज, नौकरशाही, लोक सेवाएँ, कानून एवं नियम, प्रशासन, बीमारु राज्य, ब्लैक लिस्ट, ब्लॉग, ब्लू बुक, ब्लू प्रिण्ट, मास्टर प्लान, बॉस, बजट, लेखांकन, बंगलो, सर्किट हाउस, कैविएट, चालान, बिल्टी, चि_ा, चौकी, चांसलर, रिट, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल, संयुक्त राष्ट्र, निर्वासित सरकार, सिविल लिस्ट, कर, उप कर, क्रॉस वोंिटग, कूट भाषा, मुद्रा, मुहर, दफ्तर, पासपोर्ट, वीसा, गवर्नेंस, सूचना का अधिकार, निषेधाज्ञा, आधार, जनगणना, अपाहिज राज्य, एक्जिट पोल, 36 कौम, पदेन, अकाल, आपदा प्रबंधन, पुलिस, फिरंगी, विदेश सेवा, गाँधीगिरी, वीरूगिरी, कबूतरबाजी, गजट, गजेटियर्स, राजपत्रित अवकाश, सरकार, भूदान, ग्रामदान, वैश्वीकरण, जी.टी. रोड़, गार्ड ऑफ ऑनर, खसरा, कानूनगो, कोर्ट, हाट बाजार, हैम रेडियो, हाई कमान, पोपाबाई का राज, आसूचना ब्यूरो, सी.बी.आ.ई., लाट साहब, मालखाना, शुभंंकर, पंचलाईन, अल्पसंख्यक, राष्ट्रीय सरकार, नक्सलवाद, ओ.के., राजभाषा, पटवारी, पैरोल, निशक्तजन, डाक, खाकी, सलवा जुडूम, रैली, प्रश्न काल, घोटाले, साहब, शारदा एक्ट, हड़ताल, तुगलकी आदेश, नारा अभियांत्रिकी इत्यादि लोकप्रिय शब्दावली सारगर्भित ढंग से वर्णित की गई हैं।

भारत का संविधान, संविधान सभा, संसद, राजस्थान का एकीकरण, राष्ट्रीय ध्वज संहिता, राष्ट्रगान, राष्ट्रपति, कालगणना, मीटरीकरण, यातायात चिन्ह, मुम्बई का डिब्बावाला, रेलवे प्रशासन, आत्मसमर्पण पत्र, अधिमिलन, देशों के नाम, पदों एवं शहरों के नाम इत्यादि विस्तार से वर्णित किए गए हैं। इस रोचक ग्रंथ में कई स्थानों पर प्रमाण दस्तावेज भी संलग्न हैं, जैसे कि जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय का पत्र, हुण्डी का फोटो, पाकिस्तान का आत्मसमर्पण पत्र (1971), राष्ट्रपति द्वारा राज्यपाल नियुक्ति का वारण्ट, प्रथम दिवस आवरण इत्यादि। इस ग्रंथ के शुरू में अंग्रेजी अनुक्रमणिका तथा अंत में हिन्दी अनुक्रमणिका दी गई है तो साथ में लैटिन फ्रेज, संकेताक्षर, डिग्रियों के नाम तथा भारत के राज्य चिन्हों के सम्बन्ध में आदेश भी परिशिष्ट में रखे गए हैं।

पत्रकारों, प्रशासकों तथा प्रतियोगी परीक्षार्थियों हेतु यह कोश अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा, ऐसी आशा की जानी चाहिए। कोश का मुद्रण एवं साज-सज्जा आकर्षक तथा भाषा सहज एवं सरल है। प्रूफ रीडिंग में बहुत परिश्रम किया गया है।

डॉ. अरविन्द कुमार महला

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